प्रिय छात्र - छात्राओ,
माँ सरस्वती के पावन मंदिर में आपका हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत है। अपने दो वर्षीय पाठ्यक्रम के अंतर्गत आप सभी एक योग्य शिक्षक बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं । शिक्षा और शिक्षक का मानव जीवन में अत्यन्त महत्व है। यद्यपि सम्पूर्ण जीवन ही शिक्षा काल होता है किन्तु इस प्रशिक्षण काल के समय आपको एक योग्य, प्रतिभाशाली , अनुशासित तथा नेतृत्व के गुणों से संपन्न एक भावी शिक्षक के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसी प्रशिक्षण के द्वारा आप लोगों में सत्यनिष्ठा, नैतिकता , आत्मविश्वास, अनुशासन, साहस, देशप्रेम तथा श्रेष्ठ नेतृत्व के गुणों का विकास होता है और आगे जाकर एक श्रेष्ठ नागरिक एवं आदर्श शिक्षक के रूप में आप समाज एवं देश की सेवा में तैयार होते हैं।
हमारी संस्कृति में शिक्षक को ब्रह्मा , विष्णु, महेश एवं परम् ब्रह्म मन जाता है। अतः आप सभी पूर्ण अनुशासन के साथ भीष्म जैसी प्रतिज्ञा, हिमालय जैसी दृढ़ता तथा मनोबल के साथ अपने उद्देश्य एवं लक्ष्य की ओर अग्रसर रहें।
इन्ही शुभकामनाओं के साथ . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
महंत बालक नाथ योगी
( अध्यक्ष )